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Apr 14, 2012

Selected Stanzas from Poems of Kumar Vishwas



"हर एक खोने,हर एक पाने में तेरी याद आती है,
नमक आँखों में घुल जाने में तेरी याद आती है,
तेरी अमृत भरी में लहरों को क्या मालूम गंगा माँ?
समंदर पार वीराने में तेरी याद आती है.........

डॉ कुमार विश्वास ....


"एक खता करने से पहले मुझ को ,
वो खता याद क्यूँ नहीं आती ?
इन्तहा करने से पहले तुझ को ,
इब्तदा याद क्यूँ नहीं आती ....?"

डॉ कुमार विश्वास ....


"ग़मों को आबरू अपनी ख़ुशी को गम समझते हैं ,
जिन्हें कोई नहीं समझा उन्हें बस हम समझते हैं,
कशिश ज़िन्दा है अपनी चाहतों में जान ए जाँ क्यूँकी ,
हमें तुम कम समझती हो तुम्हें हम कम समझते हैं ....."

डॉ कुमार विश्वास ....

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